वेदाबेस​

SB 10.65.20

तं गन्धं मधुधाराया वायुनोपहृतं बल: ।
आघ्रायोपगतस्तत्र ललनाभि: समं पपौ ॥ २० ॥

tam — that; gandham — fragrance; madhu — of honey; dhārāyāḥ — of the flood; vāyunā — by the breeze; upahṛtam — brought near; balaḥ — Lord Balarāma; āghrāya — smelling; upagataḥ — having approached; tatra — there; lalanābhiḥ — with the young women; samam — together; papau — drank.

भावार्थ

The wind carried to Balarāma the fragrance of that flood of sweet liquor, and when He smelled it He went [to the tree]. There He and His female companions drank.

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