SB 10.55.4
तं निर्जगार बलवान् मीन: सोऽप्यपरै: सह ।
वृतो जालेन महता गृहीतो मत्स्यजीविभि: ॥ ४ ॥
वृतो जालेन महता गृहीतो मत्स्यजीविभि: ॥ ४ ॥
भावार्थ
A powerful fish swallowed Pradyumna, and this fish, along with others, was caught in a huge net and seized by fishermen.
बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य
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