वेदाबेस​

SB 10.55.38

देवकी वसुदेवश्च कृष्णरामौ तथा स्‍त्रिय: ।
दम्पती तौ परिष्वज्य रुक्‍मिणी च ययुर्मुदम् ॥ ३८ ॥

devakī — Devakī; vasudevaḥ — Vasudeva; ca — and; kṛṣṇa-rāmau — Kṛṣṇa and Balarāma; tathā — also; striyaḥ — the women; dam-patī — man and wife; tau — these two; pariṣvajya — embracing; rukmiṇī — Rukmiṇī; ca — and; yayuḥ mudam — they became full of joy.

भावार्थ

Devakī, Vasudeva, Kṛṣṇa, Balarāma and all the women of the palace, especially Queen Rukmiṇī, embraced the young couple and rejoiced.

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