SB 10.55.35
एवं मीमांसमानायां वैदर्भ्यां देवकीसुत: ।
देवक्यानकदुन्दुभ्यामुत्तम:श्लोक आगमत् ॥ ३५ ॥
देवक्यानकदुन्दुभ्यामुत्तम:श्लोक आगमत् ॥ ३५ ॥
evam — thus; mīmāṁsamānāyām — as she was conjecturing; vaidarbhyām — Queen Rukmiṇī; devakī-sutaḥ — the son of Devakī; devakī-ānakadundubhyām — together with Devakī and Vasudeva; uttamaḥ-ślokaḥ — Lord Kṛṣṇa; āgamat — came there.
भावार्थ
As Queen Rukmiṇī conjectured in this way, Lord Kṛṣṇa, the son of Devakī, arrived on the scene with Vasudeva and Devakī.
बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य
©2020 BACE-भक्तिवेदांत सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था
www.vedabace.com यह वैदिक ज्ञान की विस्तृत जानकारी है जो दैनिक साधना, अध्ययन और संशोधन में उपयोगी हो सकती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें - info@vedabace.com