SB 10.54.3
अश्वपृष्ठे गजस्कन्धे रथोपस्थेऽस्त्र कोविदा: ।
मुमुचु: शरवर्षाणि मेघा अद्रिष्वपो यथा ॥ ३ ॥
मुमुचु: शरवर्षाणि मेघा अद्रिष्वपो यथा ॥ ३ ॥
aśva-pṛṣṭhe — on horseback; gaja — of elephants; skandhe — on the shoulders; ratha — of chariots; upasthe — on the seats; astra — of weapons; kovidāḥ — those expert in the use; mumucuḥ — released; śara — of arrows; varṣāṇi — rains; meghāḥ — clouds; adriṣu — upon mountains; apaḥ — water; yathā — as.
भावार्थ
Mounted on the backs of horses, the shoulders of elephants and the seats of chariots, the enemy kings, expert with weapons, rained down arrows upon the Yadus like clouds pouring rain on mountains.
बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य
©2020 BACE-भक्तिवेदांत सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था
www.vedabace.com यह वैदिक ज्ञान की विस्तृत जानकारी है जो दैनिक साधना, अध्ययन और संशोधन में उपयोगी हो सकती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें - info@vedabace.com