SB 10.54.13
शौरे: सप्तदशाहं वै संयुगानि पराजित: ।
त्रयोविंशतिभि: सैन्यैर्जिग्ये एकमहं परम् ॥ १३ ॥
त्रयोविंशतिभि: सैन्यैर्जिग्ये एकमहं परम् ॥ १३ ॥
śaureḥ — with Kṛṣṇa; sapta-daśa — seventeen; aham — I; vai — indeed; saṁyugāni — battles; parājitaḥ — lost; trayaḥ-viṁśatibhiḥ — twenty-three; sainyaiḥ — with armies; jigye — won; ekam — one; aham — I; param — only.
भावार्थ
In battle with Kṛṣṇa I and my twenty-three armies lost seventeen times; only once did I defeat Him.
तात्पर्य
Jarāsandha offers his own life as an example of the inevitable happiness and distress of this material world.
बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य
©2020 BACE-भक्तिवेदांत सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था
www.vedabace.com यह वैदिक ज्ञान की विस्तृत जानकारी है जो दैनिक साधना, अध्ययन और संशोधन में उपयोगी हो सकती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें - info@vedabace.com