वेदाबेस​

SB 10.51.16

लब्ध्वा गुहं ते स्व:पालं मुचुकुन्दमथाब्रुवन् ।
राजन् विरमतां कृच्छ्राद् भवान् न: परिपालनात् ॥ १६ ॥

labdhvā — after obtaining; guham — Kārttikeya; te — they; svaḥ — of heaven; pālam — as the protector; mucukundam — to Mucukunda; atha — then; abruvan — said; rājan — O King; viramatām — please desist; kṛcchrāt — troublesome; bhavān — your good self; naḥ — our; paripālanāt — from the guarding.

भावार्थ

When the demigods obtained Kārttikeya as their general, they told Mucukunda, “O King, you may now give up your troublesome duty of guarding us.

बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य

©2020 BACE-भक्तिवेदांत सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था

www.vedabace.com यह वैदिक ज्ञान की विस्तृत जानकारी है जो दैनिक साधना, अध्ययन और संशोधन में उपयोगी हो सकती है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें - info@vedabace.com