SB 10.51.15
स याचित: सुरगणैरिन्द्राद्यैरात्मरक्षणे ।
असुरेभ्य: परित्रस्तैस्तद्रक्षां सोऽकरोच्चिरम् ॥ १५ ॥
असुरेभ्य: परित्रस्तैस्तद्रक्षां सोऽकरोच्चिरम् ॥ १५ ॥
भावार्थ
Begged by Indra and the other demigods to help protect them when they were terrorized by the demons, Mucukunda defended them for a long time.
बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य
©2020 BACE-भक्तिवेदांत सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था
www.vedabace.com यह वैदिक ज्ञान की विस्तृत जानकारी है जो दैनिक साधना, अध्ययन और संशोधन में उपयोगी हो सकती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें - info@vedabace.com