वेदाबेस​

SB 10.46.34

आगमिष्यत्यदीर्घेण कालेन व्रजमच्युत: ।
प्रियं विधास्यते पित्रोर्भगवान् सात्वतां पति: ॥ ३४ ॥

āgamiṣyati — He will return; adīrgheṇa — not long; kālena — in time; vrajam — to Vraja; acyutaḥ — Kṛṣṇa, the infallible one; priyam — satisfaction; vidhāsyate — He will give; pitroḥ — to His parents; bhagavān — the Supreme Lord; sātvatām — of the devotees; patiḥ — master and protector.

भावार्थ

Infallible Kṛṣṇa, the Lord of the devotees, will soon return to Vraja to satisfy His parents.

तात्पर्य

Here Uddhava begins to deliver Lord Kṛṣṇa’s message.

बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य

©2020 BACE-भक्तिवेदांत सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था

www.vedabace.com यह वैदिक ज्ञान की विस्तृत जानकारी है जो दैनिक साधना, अध्ययन और संशोधन में उपयोगी हो सकती है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें - info@vedabace.com