SB 10.41.29
प्रासादशिखरारूढा: प्रीत्युत्फुल्लमुखाम्बुजा: ।
अभ्यवर्षन् सौमनस्यै: प्रमदा बलकेशवौ ॥ २९ ॥
अभ्यवर्षन् सौमनस्यै: प्रमदा बलकेशवौ ॥ २९ ॥
prāsāda — of the mansions; śikhara — to the roofs; ārūḍhāḥ — having climbed; prīti — with affection; utphulla — blooming; mukha — their faces; ambujāḥ — which were like lotuses; abhyavarṣan — they showered; saumanasyaiḥ — with flowers; pramadāḥ — the attractive women; bala-keśavau — Balarāma and Kṛṣṇa.
भावार्थ
Their lotus faces blooming with affection, the ladies who had climbed to the roofs of the mansions rained down showers of flowers upon Lord Balarāma and Lord Kṛṣṇa.
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