वेदाबेस​

SB 10.40.11

सत्त्वं रजस्तम इति भवत: प्रकृतेर्गुणा: ।
तेषु हि प्राकृता: प्रोता आब्रह्मस्थावरादय: ॥ ११ ॥

sattvam — goodness; rajaḥ — passion; tamaḥ — ignorance; iti — thus known; bhavataḥ — Your; prakṛteḥ — of the material nature; guṇāḥ — the qualities; teṣu — to them; hi — certainly; prākṛtāḥ — the conditioned living entities; protāḥ — woven; ā-brahma — up to Lord Brahmā; sthāvara-ādayaḥ — starting with the nonmoving creatures.

भावार्थ

Goodness, passion and ignorance, the qualities of Your material nature, entangle all conditioned living beings, from Brahmā down to the nonmoving creatures.

बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य

©2020 BACE-भक्तिवेदांत सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था

www.vedabace.com यह वैदिक ज्ञान की विस्तृत जानकारी है जो दैनिक साधना, अध्ययन और संशोधन में उपयोगी हो सकती है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें - info@vedabace.com