वेदाबेस​

SB 10.33.20

तासां रतिविहारेण श्रान्तानां वदनानि स: ।
प्रामृजत् करुण: प्रेम्णा शन्तमेनाङ्ग पाणिना ॥ २० ॥

tāsām — of them, the gopīs; rati — of conjugal love; vihāreṇa — by the enjoyment; śrāntānām — who were fatigued; vadanāni — the faces; सः — He; prāmṛjat — wiped; karuṇaḥ — merciful; premṇā — lovingly; śantamena — most comforting; aṅga — my dear (King Parīkṣit); pāṇinā — with His hand.

भावार्थ

Seeing that the gopīs were fatigued from conjugal enjoyment, my dear King, merciful Kṛṣṇa lovingly wiped their faces with His comforting hand.

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