SB 10.26.3
य: सप्तहायनो बाल: करेणैकेन लीलया । कथं
बिभ्रद् गिरिवरं पुष्करं गजराडिव ॥ ३ ॥
बिभ्रद् गिरिवरं पुष्करं गजराडिव ॥ ३ ॥
यः — who; sapta-hāyanaḥ — seven years of age; bālaḥ — a boy; kareṇa — with a hand; ekena — one; līlayā — playfully; katham — how; bibhrat — He held up; giri-varam — the best of mountains, Govardhana; puṣkaram — a lotus flower; gaja-rāṭ — a mighty elephant; iva — as.
भावार्थ
How could this seven-year-old boy playfully hold up the great hill Govardhana with one hand, just as a mighty elephant holds up a lotus flower?
बेस- पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति सिखाने का लक्ष्य
©2020 BACE-भक्तिवेदांत सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था
www.vedabace.com यह वैदिक ज्ञान की विस्तृत जानकारी है जो दैनिक साधना, अध्ययन और संशोधन में उपयोगी हो सकती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें - info@vedabace.com